THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR BHOOT KI KAHANI

The Single Best Strategy To Use For bhoot ki kahani

The Single Best Strategy To Use For bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani

आज भी जब हम सुनते हैं कि हमारे बच्चे पिकनिक जा रहे हैं । तब हमें हमारी पुरानी घटना याद आ जाती है। कि कैसे हम लोग बच बचाके निकल आए थे । पिकनिक के नाम से हमे आज भी बहुत डर लगता है। भगवान सबकी रक्षा करें।

जैसे ही श्राप उठा, वह आत्मा राम और सोनू को उनकी बहादुरी और दया के लिए धन्यवाद दिया, और उस गुफा को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। कुत्ता, जो अब श्राप से मुक्त हो गया था, उसने अपनी पूंछ को कृतज्ञतापूर्वक हिलाकर राम और सोनू को धन्यवाद दिया।

और हमने यह बात हंसी में टाल दी । दूसरे दिन मेरे मित्र लोग मेरे घर पर फिर से आ गए। और बीड़ी ताश के पत्ते खेलने लगे यह सिलसिला फिर देर रात तक चलता रहा।

अच्छी खासी घर के पास नौकरी चल रही थी। बेकार ही सुनसान जगह पर ट्रांसफर हो गया।

चुड़ैल की कहानी और पंडित जी यह एक अंधेरी और तूफानी रात थी. बारिश ज़ोरों से हो रही थी और हवाएं तेज़ चल रही थीं. […]

सत्य घटना: बहुत ही डरावनी भूत की कहानियाँ हिंदी में

रमेश दूसरी तरफ देखने लगा और उस आदमी को नजर अंदाज करने लगा। उस आदमी ने फिर से रमेश से पूछा। इस बार रमेश को लगा कि यह कोई इंसान ही है। रमेश उस आदमी को ट्रेन के बारे में बताने लगा। तभी घड़ी में दो बज गए। पूरा प्लैटफॉर्म घड़ी की आवाज से गूंज रहा था। रमेश ने घड़ी की तरफ देखा तो वह थोड़ा सा घबरा गया। उसके सामने खड़े आदमी ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे जगाया तो वह होश में आ गया। रमेश ने देखा कि सामने खड़ा आदमी उसे धुंधला दिखाई दे रहा है। उसने

हमें आशा है की आपको हमारे ब्लॉग पर लिखी गयी horror stories for kids in hindi पसंद आई होगी। इस लेख में हम क़ोसिश करेंगे रोज नए नए horror story in hindi, hindi tales of ghost, Bhoot pret ki sachi kahaniyan लिखने की ताकि आपको रोज कुछ नया पड़ने को मिले।

ये किस्सा रीवा जिले का हैं। हम जनता कॉलोनी में रहा करते थे। यही पर हमारी एक बिलडिग थी, इस बिल्डिंग को पामेल बिल्डिंग के […]

बस इन सबका एक ही इलाज है कि जब भी तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश करें तो तुम्हें इन पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना है और छलावे से बातें तो बिल्कुल भी नहीं करनी है। रमेश प्रसाद की बात ध्यान से सुनता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उठकर प्लैटफॉर्म पर जाने लगा। उसने देखा कि सामने से एक आदमी आ रहा है। वह आदमी और कोई नहीं प्रसाद था। रमेश को समझ नहीं आया कि प्रसाद तो उसके साथ कमरे में था। फिर ये कौन है?

 सड़क एकदम खाली था और चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ था दूर दूर तक एक भी आदमी नज़र नहीं आ रहा था , सड़क के किनारे घाना जंगल और पहाड़ भी थे जो अपने आप मैं भी एक डर जैसा माहौल बना रहे थे लेकिन मुझे इन से क्या फर्क पड़ता मैं तो बस मस्ती मैं अपनी बाइक चला रहा था ।

कहानी सुनतेही उनकी आंखों में इस पौराणिक गुफा के बारे में पता लगाने के इच्छा जाग उठी। उन्होंने कुछ स्नैक्स, पानी और एक टॉर्च पैक किया और गुफा ढूंढ़ने के लिए निकल पड़े। गांब वाले उन्हें यह कहते हुए चेतावनी दी कि यह गुफा भूतिया और खतरनाक है, लेकिन राम और सोनू कहां किसी की सुनने वाले थे।

थोड़ी रात बीत गई । तभी हमारे एक मित्र ने कहा कि यहां पर ना तो बिजली है । ना तो टीवी है . हम लोग बैठकर यहां पर क्या करेंगे चलो । आज हम लोग थोड़ी मस्ती करते हैं। दूसरे मित्र ने बोला हम अपने साथ ताश के पत्ते लाए हैं । चलो खेलते हैं और हम लोग धीमी लालटेन को जलाकर।

उस चिट्ठी में लिखा हुआ था.कि कल जब फैक्ट्री से निकलो तो जहां पर मैं खड़ी रहती हूं वहां पर मेरा इंतजार करना उस के दूसरे दिन मैं वहां पर पहुंच गया। तो वह लड़की वहां पर नहीं खड़ी थी। मैंने काफी इंतजार किया फिर मैं अपने घर की तरफ चल दिया.

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